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भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान ने बड़ौदा क्रिकेट टीम के कप्तान क्रुणाल पांड्या और दीपक हुड्डा के बीच हुए विवाद की बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) से जांच करने की मांग करते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं का खिलाड़ी पर ‘बुरा प्रभाव पड़ सकता है।’ फर्स्ट क्लास के 46 मैचों का अनुभव रखने वाले हुड्डा ने क्रुणाल पांड्या पर खराब बर्ताव करने का अरोप लागया था और सैय्यद मुश्ताक अली ट्राॅफी टी20 टूर्नामेंट के शुरू होने से एक दिन पहले टीम का कैम्प छोड़ दिया था।
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पठान ने ट्विटर पर जारी बयान में कहा, ‘महामारी के इस कठिन समय के दौरान खिलाड़ी के मानसिक स्वास्थ्य का अत्यधिक महत्व होता है, क्योंकि उन्हें बायो-बबल (कोविड-19 प्रोटोकॉल) में रहते हुए खेल पर ध्यान देना होता है। ऐसी घटनाओं का खिलाड़ी पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है और इससे बचना चाहिए।’ पठान ने टूर्नामेंट से पहले दो सीनियर खिलाड़ियों से जुड़े इस मामले पर दुख जताते हुए बीसीए से जांच की मांग की।
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उन्होंने कहा, ‘बीसीए के सभी सदस्यों इसकी जांच करने और ऐसे कार्यों की निंदा करने का अनुरोध करता हूं क्योंकि ये क्रिकेट के खेल के लिए अच्छा नहीं हैं।’ इस 36 साल के पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ‘बड़ौदा के पूर्व कप्तान के तौर पर मैंने कई युवा खिलाड़ियों का मार्गदर्शन किया है। मैं समझता हूं कि टीम में सामंजस्यपूर्ण माहौल होना कितना महत्वपूर्ण है जहां खिलाड़ी सुरक्षित महसूस कर सकें, खुलकर खेल सकें और टीम के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकें। उन्होंने कहा, ‘मैंने दीपक हुड्डा प्रकरण के बारे में जो सुना है अगर वह सच है तो यह वास्तव में चौंकाने वाला और निराशाजनक है। किसी भी खिलाड़ी के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए।’
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भारत के लिए 29 टेस्ट और 120 वनडे खेलने के साथ 2007 में टी20 विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य रहे पठान ने इस मौके पर बीसीए पर प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘आदित्य वाघमोडे ने पिछले सत्र में सैयद मुश्ताक अली ट्राफी में बड़ौदा के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए थे और स्वप्निल सिंह ने शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन (10 विकेट और 216 रन) किया था लेकिन चयन में उन्हें नजरअंदाज किया गया।’
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