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एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कोविड-19 से सुरक्षा हासिल करने के वास्ते किसी व्यक्ति के लिये टीके की दोनों खुराकें लेना महत्वपूर्ण है ताकि इस महामारी से बचाव के लिये बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित की जा सके। उन्होंने कहा कि आम तौर पर दूसरी खुराक प्राप्त करने के दो सप्ताह बाद शरीर में एंटीबॉडी विकसित होती है।
श्वास संबंधी रोगों के वरिष्ठ विशेषज्ञ गुलेरिया ने यह भी कहा कि भारत में पेश किए गए टीके दूसरे देशों में विकसित टीकों की तरह ही कारगर साबित होंगे। भारत में कुछ दिन में कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होने की उम्मीद है। इस बीच गुलेरिया ने स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड की गई वीडियों में ये बातें कहीं। इस वीडियो में उन्होंने टीकाकरण अभियान से संबंधित कुछ सवालों के जवाब दिये हैं।
वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि वह टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के दस दिनों के भीतर कोविड-19 टीके को उपलब्ध कराने के लिए तैयार है लेकिन अंतिम फैसला सरकार द्वारा लिया जायेगा।
भारत के औषधि नियामक ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को रविवार को मंजूरी दे दी थी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को खुद को पंजीकृत कराने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनका डाटा बड़े पैमाने पर को-विन टीका वितरण प्रबंधन प्रणाली में डाला हुआ है।
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