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नए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन पर बैठे किसानों और सरकार के बीच आज सातवें दौर की वार्ता हुई। किसान संगठनों से वार्ता के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज की बैठक में कोई निर्णय नहीं हो पाया, सरकार और किसान संगठनों के बीच आठ जून को फिर से वार्ता होगी।

कृषि मंत्री ने कहा कि बातचीत बेनतीजा रही क्योंकि यूनियन के नेता तीनों कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे। कृषि मंत्री तोमर ने किसानों का सरकार में विश्वास नहीं होने संबंधी आशंका से इनकार किया और कहा कि भरोसे के बिना किसान संगठन अगली बैठक के लिए सहमत नहीं होते।

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उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि किसान यूनियन तीन कृषि कानूनों में उन विशिष्ट मुद्दों को उठायें, जिस पर उन्हें समस्या है। कृषि मंत्री तोमर ने किसानों के साथ वार्ता में गतिरोध पर कहा- ताली दोनों हाथ से बजती है यानी दोनों पक्षों को समाधान के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि 8 जनवरी की बैठक में हल निकलने की उम्मीद, आज की वार्ता सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई लेकिन किसान संगठन एक बिंदु पर अटके रहे।

बता दें कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश ने विभिन्न किसान संगठनों के 41 नेताओं के साथ बातचीत की। दोपहर में शुरू हुई बैठक के खत्म होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ”हमारी मांगों पर बातचीत हुई। कानून वापसी नहीं, तो घर वापसी नहीं। कोई तनातनी नहीं है। हमने साफ कर दिया है कानून वापसी के बिना कुछ भी मंजूर नहीं है। 8 जनवरी को फिर से बात होगी। हमने सरकार का संशोधन फाड़ दिया।” 

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