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डाकिया को देखते ही चेहरे फिर खिलने लगे। अब वजह चिट्ठियां नहीं बल्कि नकदी है जिसका भुगतान बिना बैंक-डाकखाने की लाइन में लगे ग्रामीणों को मिलने लगा है। कोरोना काल में चिट्ठियों की बजाय डाकियों ने…
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