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एक्टर दिलीप आर्य की वेब सीरीज बीहड़ का बागी को खूब पसंद किया गया। सीरीज में डकैत शिवकुमार उर्फ ददुआ के रोल में उनकी एक्टिंग को जमकर प्रशंसा मिली। आज दिलीप आर्य किसी पहचान के मोहताज नहीं है। उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव अमौली के निवासी दिलीप के लिए यह सफर काफी कठिन रहा। पिता की मौत के बाद उन्होंने महज 11 साल में छोटे-मोटे काम करना शुरू कर दिया था। 

एक इंटरव्यू के दौरान दिलीप ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा, ”जब मेरे पिता का निधन हुआ था तब मैं 11 साल का था लेकिन मैंने हार नहीं मानी। मां के खेत में काम करने के दौरान मैंने भी काम करना शुरू कर दिया। इसके बाद बेहतर जीवन यापन करने के लिए मैं ट्रेलरिंग शॉप में काम करने लगा और साथ में अपनी पढ़ाई भी जारी रखी।”

कानपुर यूनिवर्सिटी से पोस्टग्रेजुएट और फिर भारतेंदु नाट्य एकेडमी से निकलने के बाद दिलीप को सिनेमा से प्यार हो गया। वह नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) में एडमिशन लेने के लिए दिल्ली पहुंच गए।

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उन्होंने कहा, ”मैंने वहां पर लोकल ग्रुप के साथ थियेटर करना शुरू कर दिया और एनके शर्मा के ग्रुप के साथ भी कुछ समय के लिए काम किया। इसके बाद मैंने एनएसडी के लिए अप्लाई किया। वहां पर मैंने वर्कशॉप में जाने माने सितारे पंकज त्रिपाठी, इनामुल हक के साथ काम किया। लेकिन बीएनबी वह जगह थी जिसने मुझे उड़ान भरने के लिए पंख दिए। मैंने वहां पर अनुभवी शिक्षकों से एक्टिंग की बारीकियां सीखी, जिसकी बदौलत मैं आज यहां पर पहुंचा हूं।” 

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फिल्मों में काम करने के सपने को पूरा करने के लिए दिलीप मुबंई आ गए। उन्हें वेब सीरीज में काम करने का मौका मिला, जिसमें उनकी एक्टिंग को बहुत सराहा गया। इस समय दिलीप के पास कई प्रोजेक्ट्स हैं। उन्होंने कहा, ”मैं शुक्रगुजार हूं जो मेरे काम को लोगों से इतना प्यार मिला। आपकी मेहनत को सराहा जाना अच्छा है और मुझे उम्मीद है कि फिल्म निर्माताओं ने मेरे काम को ध्यान दिया होगा और अब वे मुझे एक एक्टर के रूप में खुद को और एक्सप्लोर करने का मौका देंगे।”



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