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बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे के चलते देश के लगभग सवा लाख करोड़ के पोल्ट्री उद्योग व किसानों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। पहले से ही कोरोना महामारी का दंश झेल रहा पोल्ट्री उद्योग अभी पूरी तरह से पटरी पर नहीं लौटा है। इस बीच पोल्ट्री उद्योग व इससे जुड़े किसानों को बर्ड फ्लू ने घेर लिया है। हालांकि ब्रायलर और चिकन में बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है। सरकार का कहना है कि चिकन-अंडे पूरी तरह से सुरक्षित हैं, उनको खाया जा सकता है।

विदित हो कि पिछले साल जनवरी माह से सोशल मीडिया में पक्षियों में कोरोना होने की अफवाह के चलते लोगों ने चिकन,मटन, अंडे खाना बंद कर दिया था। जानकारों का कहना है कि पोल्ट्री उद्योग को चारे के रूप में मक्का, बाजरा, सोयाबीन आदि को उत्पादन करने वाले किसानों को 35 हजार करोड़ का नुकसान हुआ था। जबकि पोल्ट्री उद्योग 65 हजार करोड़ का नुकसान हुआ और उद्योग से जुड़े लोगों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था। जब डॉक्टरों ने कोरोना से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु चिकन-अंडे खाने की सलाह दी। तब जून से इस उद्योग ने गति पकड़ी शुरू की।

पोल्ट्री उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में यह उद्योग सिमट कर 80 हजार करोड़ का रह गया है, जबकि भारत में पोल्ट्री उद्योग-पोल्ट्री किसान का व्यवसाय लगभग सवा लाख करोड़ का है। बर्ड फ्लू से एक बार पोल्ट्री उद्योग फिर खतरे में है। पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के कोषाध्यक्ष रिक्की थॉपर ने ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि देशभर में 60 लाख किसान पोल्ट्री उद्योग को चारे के लिए कई फसले पैदा करते हैं। जबकि 30 लाख किसान पोल्ट्री से जुड़े हैं। 2019 में 40 लाख टन मीट का उत्पादन हुआ। उन्होंने कहा कि अभी चिकन-ब्रायलर में बर्ड फ्लू के लक्षण नहीं नजर आए हैं। सरकार का भी यही कहना है।

देश में बर्ड फ्लू का बढ़ रहा खौफ, जानिए कहां-कहां चिकन बिक्री पर लगी रोक

पशुपालन, डेयरी व मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा है कि कुछ जगह पर बर्ड फ्लू से ज्यादातर प्रवासी-जंगली पक्षियों की मरने की सूचना मिली है। मीट, चिकन, अड़्डे पूरी तरह से पकाकर खा सकते हैं। पुशपालन विभाग के अनुसार बर्ड फ्लू अभी चार राज्यों में 12 स्थानों पर फैला है। चकन-ब्रायलर में इसके मिलने की पुष्टि नहीं हुई है।

पोल्ट्री फेडरेशन आफ इंडिया के सलाहकार व कृषि अर्थ शास्त्री विजय सरदाना ने कहा कि सरकार को फसलों की तर्ज पर पोल्ट्री फार्म व उद्योग का बीमा करने की योजना शुरू करना चाहिए। बर्ड फ्लू जैसी बीमारी फैलने पर उद्योग व उससे जुड़े किसानों को मुआवजा मिल सकेगा। बर्ड फ्लू को लेकर लोगों को सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों से दूर रहने की जरुरत है।

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