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अगले महीने पेश होने वाले बजट में आत्मनिर्भर भारत की तरफ कदम उठते दिखेंगे। कोरोना के बाद कई सेक्टर में नौकरीपेशा लोगों की मुश्किलें बढ़ी हैं। सैलरी कम हुई है, लिहाजा खर्चे में कटौती पर मजबूर होना पड़ा है। ऐसे में नौकरीपेशा वर्ग की मांग हे कि इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर पांच लाख हो। स्टैंडर्ड डिडक्शन सीमा बढ़कर एक लाख रुपये की जाए। होम लोन ब्याज पर छूट बढ़ाकर 2.50 लाख रुपये हो। नए घर खरीदारों को आईटी के मुताबिक ब्याज सब्सिडी मिले। हेल्थ बीमा पर प्रीमियम छूट की सीमा में बढ़ोतरी हो। स्टॉक मार्केट से कमाई पर डिविडेंड टैक्स हटाने की मांग की जा रही है।

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सूत्रों के मुताबिक केमिकल, ऑटो जैसे सेक्टर में कच्चे माल पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने और तैयार माल पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने पर विचार हो रहा है। इसके लिए किस्तों में इंपोर्ट ड्यूटी में बदलाव का रोडमैप रखा जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक इंडस्ट्री की सिफारिश है कि इंपोर्ट ड्यूटी के तीन स्लैब बनें। तैयार माल को स्टैंडर्ड स्लैब में रखा जाए। इंटरमीडियरीज को लोअर स्लैब में रखा जाए। वहीं,कच्चे माल को शून्य या सबसे कम स्लैब में रखा जाए। केमिकल और एल्यूमिनियम जैसे सेक्टर की मांग है कि कच्चे माल को शून्य स्लैब में रखा जाए। ऑटो एंसीलरीज जैसे सेक्टर की मांग है कि तैयार माल पर इंपोर्ट ड्यूटी ज्यादा रखने पर विचार किया जाए।

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