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भारत में कोविड-19 वैक्‍सीन को मंजूरी मिलने के साथ ही चैन की सांस आनी शुरू हुई थी। पर बर्ड फ्लू ने लोगों के मन में फिर से डर पैदा कर दिया। भारत के कई राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, केरल,राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं।

 

आखिर क्या है यह बर्ड फ्लू?, कैसे फैलता है? और इससे हमें किस प्रकार का खतरा हो सकता है? अगर आपके मन में भी ये सवाल हैं तो आप ये आर्टिकल जरूर पढ़ें।

 

क्या है बर्ड फ्लू?

 

बर्ड फ्लू जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा और एवियन फ्लू के नाम से भी जाना जाता है एक वायरल बीमारी है, जो एच5एन1 (H5N1) वायरस के कारण होती है। एम्स के द्वारा जारी एफएक्यूस (FAQs) के अनुसार यह वायरस आमतौर पर पक्षियों में ही पाया जाता है।

 

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जंगली पक्षी अपनी आंतों में इस वायरस को लिए हर जगह घूमते हैं, लेकिन वे इससे बीमार नहीं होते। जबकि यह वायरस उन जंगली पक्षियों से और पक्षियों खास करके मुर्गी और बत्तख में फैलता है और उन्हें बीमार कर देता है।

 

bird flu

 

क्या इंसानों को भी है इस फ्लू से खतरा?

 

एम्स के एफएक्यूस (FAQs) के अनुसार आमतौर पर बर्ड फ्लू का यह वायरस इंसानों को संक्रमित नहीं करता था, परंतु 1997 से इंसानों में बर्ड फ्लू के वायरस से संक्रमण के कई मामले सामने आए हैं। माना जाता है कि इंसानों में बर्ड फ्लू के संक्रमण का ज्यादातर खतरा संक्रमित मुर्गे या मुर्गी और दूषित सतहों के सीधा संपर्क में आने से होता है।

 

फिलहाल अभी तक इस वायरस के इंसानों से इंसानों में फैलने के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं।

 

क्‍या ऐसे में नहीं खाना चाहिए चिकन?

 

दिसंबर 2005 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) और यूनाइटेड नेशंस फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ) के द्वारा जारी एक बयान के अनुसार अगर चिकन और मुर्गों के अन्य उत्पादों को अच्छे से पकाया जाए,तो वे उत्पाद हमारे खाने के लिए बिल्कुल सुरक्षित हो जाते हैं।

 

चिकन को पकाते हुए रखें ध्‍यान

 

वायरस से बचने के लिए सभी उत्पादों को खाने का सबसे अच्छा तरीका है कि उन्हें पहले 70 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक आंच पर पकाएं। मांस को तब तक पकाएं जब तक मांस का एक भी टुकड़ा लाल न बचे और उसका कच्चापन भी पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता।

 

eating eggs

 

साथ ही यह भी सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि कोई भी संक्रमित जीवित पक्षी खाद्य श्रृंखला में गलती से भी प्रवेश ना कर पाए। अगर ऐसा होता है तो वायरस सक्रिय हो जाएगा और फिर यह सभी के लिए खतरा बन सकता है।

 

ये हो सकते हैं बचाव के उपाय

 

बर्ड फ्लू से बचाव के लिए सबसे उचित तरीका है कि जब तक यह वायरस सक्रिय है तब तक आप चिकन आदि पोल्ट्री उत्पादों का कम से कम सेवन करें। अगर आपको इन उत्पादों का सेवन करना भी है तो आप इन तरीकों को आजमा सकते हैं।

  • पोल्‍ट्री फार्म में से कच्चे मांस या कच्चे अंडे के संपर्क में आने वाले क्षेत्रों में से मुर्गी के कच्चे अंडे ना खाएं।
  • पके हुए और तैयार खाद्य पदार्थों को दूषित होने से बचाने के लिए कच्चे मांस से अलग रखें।
  • एक चॉपिंग बोर्ड या एक ही चाकू का उपयोग ना करें।
  • पके हुए और कच्चे मांस को एक साथ ना पकड़े और बीच-बीच में अपने हाथों को धोते रहें।
  • खाना बनाते समय केवल नरम और उबले हुए अंडे का ही प्रयोग करें।
  • कोशिश करें कि अगर आप कोई भी पोल्ट्री प्रोडक्ट का सेवन कर रहे हैं, तो उसे 70 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक आंच पर जरूर पकाएं।

 

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