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घरेलू महिलाओं के काम को पहचान देने के लिए उनका वेतन फिक्स करने के सुझाव पर कंगना रनौत की आलोचना झेलने वाले कांग्रेस लीडर शशि थरूर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। शशि थरूर ने कंगना रनौत की असहमति पर जवाब देते हुए ट्वीट किया, ‘मैं कंगना रनौत से सहमत हूं कि एक होममेकर की जिंदगी में बहुत सी चीजें होती हैं और उन्हें मूल्य में नहीं आंका जा सकता। लेकिन यह उन चीजों के लिए नहीं है। यह इसलिए है ताकि उनके अनपेड वर्क को भी पहचान मिल सके और देश की हर महिला एक बेसिक इनकम की हकदार बन सके। मैं चाहूंगा कि देश की हर महिला आपकी तरह सशक्त हो।’
शशि थरूर ने अभिनेता से राजनेता बने कमल हासन के एक सुझाव का समर्थन करते हुए कहा था कि मैं भी घरेलू महिलाओं के लिए कुछ मासिक मानदेय फिक्स करने के सुझाव का समर्थन करता हूं। यह यूनिवर्सल बेसिक इनकम की ओर एक कदम होगा। इस सुझाव का विरोध करते हुए कंगना रनौत ने कहा था कि यह गलत है। महिलाओं की ओर से जिंदगी भर के त्याग और अनमोल योगदान की कीमत नहीं तय की जा सकती। यह ऐसा ही होगा कि आप भगवान को उसकी रचनाओं के लिए कीमत देने की कोशिश करें। कंगना ने कहा था कि हम अपने घर रूपी छोटे से साम्राज्य की क्वीन हैं और हमें इसके लिए सैलरी की जरूरत नहीं है।
कंगना रनौत ने ट्वीट किया था, ‘सेक्स के आधार पर प्राइस टैग लगाने की कोशिश न करें। हम जो कर रहे हैं, उसे प्यार से कर रहे हैं और अपने घर रूपी किंगडम के लिए हमें सैलरी की जरूरत नहीं है। हर चीज को बिजनेस की नजर से देखना बंद करिए। अपनी महिला के आगे समर्पण करें क्योंकि वह सिर्फ प्यार, सम्मान और सैलरी ही नहीं चाहती।’ यही नहीं एक अन्य यूजर की टिप्पणी पर रिएक्ट करते हुए कंगना रनौत ने कहा था कि यह एक तरह से महिला को उसके ही घर में नौकर बनाने जैसा होगा।
I agree w/ @KanganaTeam that there are so many things in a homemaker’s life that are beyond price. But this is not about those things: it’s about recognising the value of unpaid work&also ensuring a basic income to every woman. I’d like all Indian women to be as empowered as you! https://t.co/A4LJvInR4y
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 5, 2021
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा था, ‘मेरी योग्यता से बहुत लोग जलते हैं क्योंकि किसी भी टॉपिक पर मैं अपने विरोधियों को परत-दर-परत उधेड़ सकती हूं और किसी भी विषय पर एक्सरे जैसा कर देती हूं। मुझसे जलें नहीं या फिर गुस्सा न हों बल्कि अपनी बौद्धिक क्षमता को मजबूत करें।
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