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Best Time To Take High Blood Pressure Medicine: खान-पान की गलत आदतों और बदलते लाइफस्टाइल की वजह से आज हर तीसरा व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से परेशान है। हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) यानी कि उच्‍च रक्‍तचाप आधुनिक जीवनशैली में होने वाली गंभीर समस्‍या है, जो एक समय बाद कोरोनरी हार्ट डिजीज, हार्ट फेल्‍योर, स्‍ट्रोक, किडनी फेल्‍योर और कई अन्‍य तरह की समस्‍याओं का कारण बन जाती है। हर साल दुनियाभर में 90 लाख व्‍यक्ति उच्‍च रक्‍तचाप के कारण मौत का शिकार हो रहे हैं। खास बात तो यह है कि हाई ब्लड प्रेशर का कोई संकेत या लक्षण नहीं होता। यही वजह है कि ज्यादातर लोग वर्षों तक इस समस्या से अनजान रहते हुए इस परेशानी से ग्रस्‍त रहते हैं।

क्या होता है हाई ब्लड प्रेशर-
व्यक्ति के अधिक उत्‍तेजित होने, नर्वस होने या एक्टिव होने पर रक्‍तचाप घटता या बढ़ता है। लेकिन जब व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर स पीड़ित होता है तो उसकी धमनियों में रक्‍त का दबाव बढ़ जाता है। दबाव बढ़ने की वजह से धमनियों में रक्‍त प्रवाह को बनाए रखने के लिए दिल को सामान्य से ज्‍यादा काम करने की जरूरत पड़ती है। उच्च रक्तचाप के कारण कई बार व्यक्ति का हृदय काम करना तक बंद कर सकता है, जिसे अंग्रेजी में हार्ट फेल्‍योर कहा जाता है। इसके अलावा उच्‍च रक्‍तचाप व्यक्ति की रक्‍त धमनियां, किडनी और शरीर के अन्‍य अंगों पर भी बुरा असर डालता है। 

हाई ब्लड प्रेशर से बढ़ सकता है इन 4 रोगों का खतरा-
-आंखों पर प्रभाव-

हाई ब्लड प्रेशर की वजह से व्यक्ति की आंखों में समस्या उत्पन्न हो सकती है। आंखों की रोशनी कम होने की वजह से उसे धुंधला दिखाई देने लगता है।

गुर्दे की समस्या-
शरीर से दूषित पदार्थों को बाहर निकालने का काम व्यक्ति के गुर्दे करते हैं। हाई ब्लड-प्रेशर की वजह से किडनी की रक्त वाहिकाएं संकरी या मोटी हो सकती है। इससे किडनी अपना काम ठीक से नहीं कर पाती और खून में दूषित पदार्थ जमा होने लगते हैं। 

हार्ट अटैक का खतरा-
हाई ब्लड प्रेशर का सबसे बुरा असर व्यक्ति के हृदय पर पड़ता है। जब ह्वदय को संकरी या सख्त हो चुकी रक्त वाहिकाओं के कारण पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलता तो सीने में दर्द होने के साथ खून का बहाव रुकने से हार्ट-अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है। 

मस्तिष्क पर असर-
हाई ब्लड-प्रेशर की वजह से रोगी की याददाश्त पर भी बुरा असर पड़ सकता है, जिसे अंग्रेजी में डिमेंशिया कहा जाता है। इसमें वक्त के साथ रोगी के मस्तिष्क में खून की आपूर्ति और कम हो जाती है और व्यक्ति अपने सोचने-समझने की शक्ति खोने लगता है।

क्या है बीपी की दवा लेने का सही समय-
यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार ब्लड प्रेशर (blood pressure) के मरीज दिन के बजाए अगर रात को सोते वक्त अपनी बीपी की दवा लेते हैं तो उन्हें दिल का दौरा पड़ने की संभावना लगभग 66 फीसदी तक कम हो जाती है। अध्य़यन में कहा गया है कि जो मरीज रात को सोते वक्त बीपी की दवाईयां लेते हैं उन्हें सुबह में दवाईयां लेने वाले लोगों की तुलना में हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर और स्ट्रोक सहित अन्य बीमारियों का खतरा करीब 50 फीसदी तक कम हो जाता है।

करीब छह साल तक चले इस शोध में 19,000 से ज्यादा मरीजों और उनके दवा लेने के समय पर अध्ययन किया गया। यह अध्ययन काफी बड़ा था और सुबह व सोते वक्त दवा लेने के समय पर केंद्रित था। इस शोध में स्पेन के विगो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि वे लोग, जिन्होंने सोने से थोड़ी देर पहले ब्लड प्रेशर की दवा ली उनमें ह्रदय रोगों से मरने की संभावना 66 फीसदी कम हो गई। हालांकि दवाओं की प्रभावशीलता में जीवनशैली भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए अपने दवा लेने के समय में कोई भी जरूरी बदलाव करने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।

नोट-
इस लेख में दी गई जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी लाइव हिन्दुस्तान डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।

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