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किसान आंदोलन को लेकर कंगना रनौत और दिलजीत दोसांझ के बीच बीते साल ट्विटर पर छिड़ी जंग अब नए साल में भी जारी है। दिलजीत दोसांझ की ओर से बर्फ के बीच अपनी कुछ तस्वीरें ट्वीट किए जाने पर कंगना रनौत ने तंज कसा है। कंगना रनौत ने दिलजीत की तस्वीरों को रीट्वीट करते हुए लिखा है, ‘वाह भाई! देश में आग लगाके किसानों को सड़क पर बिठाकर के क्रांतिकारी विदेश में ठंड का मजा ले रहे हैं। वाह!!! इसको कहते हैं लोकल क्रांति।’ इससे पहले दिलजीत दोसांझ ने अपने खिलाफ आयकर विभाग की जांच शुरू होने की अफवाहों पर जवाब देते हुए खुद को सरकार की ओर से मिले सर्टिफिकेट को ही ट्वीट किया था। इस सर्टिफिकेट में टैक्स अदा करने पर सरकार की ओर से उन्हें धन्यवाद दिया गया था।
दिलजीत दोसांझ ने सर्टिफिकेट ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘मन तो नहीं करता है, लेकिन यह लो। आज हालात ऐसे बन गए हैं कि खुद को भारत का नागरिक होने का सबूत देना पड़ रहा है। इतनी नफरत मत फैलाइए। हवा में तीन नहीं चलाने चाहिए। कई बार इधर-उधर भी चल जाते हैं।’ इसके अलावा एक अन्य ट्वीट में दिलजीत दोसांझ ने लिखा है, ‘ये लो पढ़ लो मेरा प्लैटिनम सर्टिफिकेट। इस देश को महान बनाने में आपके सहयोग को पहचान देते हुए। ट्विटर पर बैठकर खुद को देशभक्त बोलने वाले अपने आप देशभक्त नहीं बन जाते। उसके लिए काम करना पड़ता है।’
दिलजीत दोसांझ और कंगना रनौत के बीच ट्विटर पर वॉर 27 नवंबर से शुरू हुई थी, जब कंगना रनौत ने पंजाब की एक महिला को शाहीन बाग की दादी बताते हुए ट्वीट कर दिया था। हालांकि बाद में अपनी गलती समझते हुए कंगना रनौत ने वह ट्वीट डिलीट कर दिया था, लेकिन तब तक विवाद बढ़ चुका था। उनके इस ट्वीट को लेकर दिलजीत दोसांझ ने टिप्पणियां की थीं। दिलजीत ने कहा था कि किसी को कुछ भी बोलने से पहले सोचना चाहिए। यही नहीं इस ट्वीट के चलते कंगना रनौत को दो लीगल नोटिस भी झेलने पड़े थे।
Wah brother!! Desh mein aag lagake kisanon ko sadak le baitha ke local karantikaris videsh mein thand ka maza le rahe hain, wah!!! Isko kehte hain local kranti… 👍 https://t.co/oXepZw633y
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) January 4, 2021
यही नहीं दोनों के बीच बहस इतनी तीखी हो गई थी कि कंगना रनौत ने दिलजीत दोसांझ को करण जौहर का पालतू करार दे दिया था। कंगना ने आरोप लगाया था कि वह किसानों को भड़काकर सीन से गायब हो गए हैं। इस पर जवाब देते हुए दिलजीत दोसांझ ने कहा था, ‘ऐसा मत सोचो कि मैं गायब हो गया हूं। आपको यह तय करने का अधिकार किसने दिया है कि कौन देशभक्त है और कौन ऐंटी-नेशनल है। आपको अथॉरिटी किसने बनाया? किसानों को देशद्रोही बताने से पहले कुछ शर्म है या नहीं।’
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