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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में खेला गया बॉर्डर-गावस्कर सीरीज का तीसरा मैच ड्रॉ रहा। मैच के पांचवे दिन भारत विकेटकीपर ऋषभ पंत की धुआंधार बल्लेबाजी की वजह से मैच जीतने की स्थिति में था, लेकिन उनके और चेतेश्वर पुजारा के कुछ ही समय में आउट होने के बाद टीम इंडिया पर हार का खतरा मंडराने लगा था। यहां से हनुमा विहारी और आर अश्विन ने पूरी तरह से फिट न होने के बावजूद ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का डटकर सामना किया और लगभग 42 ओवरों तक बैटिंग करके मैच को ड्रॉ कराया। सिडनी टेस्ट ड्रॉ होने पर भारतीय बल्लेबाजो की तारीफ पूरी दुनिया में हुई, लेकिन बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो को 161 गेंदों पर 23 रन बनाने वाले विहारी का खेल पसंद नहीं आया। सिडनी टेस्ट के पांचवें दिन बीजेपी सांसद ने उनकी बैटिंग की आलोचना करते हुए दो ट्वीट किए थे, जिस पर अब हनुमा विहारी ने रिप्लाई दिया है।

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सिडनी टेस्ट के पांचवे दिन बाबुल सुप्रियो ने दो ट्वीट किए थे, जिसमें उन्होंने लिखा था कि, ”हनुमा विहारी ने 7 रन बनाने के लिए 109 गेंद खेल ली हैं। यह बहुत ही कम है। हनुमा विहारी ने ना सिर्फ भारत की ऐतिहासिक जीत की संभावना को खत्म किया, बल्कि क्रिकेट की हत्या भी कर दी है।” उन्होंने आगे लिखा, ”मैं इतना जानता हूं कि मुझे क्रिकेट के बारे में कुछ भी नहीं पता है।”

हनुमा विहारी ने सिडनी टेस्ट खत्म होने के दो दिन बाद इस पर रिप्लाई दिया है। उन्होंने इस ट्वीट के जवाब में सिर्फ दो शब्द लिखे, हनुमा विहारी। बता दें कि बाबुल सुप्रियो ने जो ट्वीट किया था, उसमें हनुमा विहारी के नाम की स्पेलिंग गलत थी। हनुमा ने यहां पर सही स्पेलिंग के साथ अपना नाम लिखकर उन्हें अप्रत्यक्ष रूप से जवाब दे दिया। उनकी इस कमेंट की सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रही है।

बाबुल सुप्रियो ने इसके बाद दूसरा ट्वीट करते हुए लिखा था कि, ”यदि हनुमा ने थोड़ा भी प्रयास किया होता और खराब गेंदों पर चौके लगाए होते, तो भारत यह मैच जीत सकता था। खासकर तब जबकि ऋषभ पंत ने ऐसा बेहतरीन प्रदर्शन करके दिखाया, जिसकी किसी ने उम्मीद भी नहीं की थी। मैं इस बात को दोहरा रहा हूं कि सिर्फ खराब बॉल, जिन पर बाउंड्री लग सकती थीं क्योंकि हनुमा तब तक क्रीज पर जम चुके थे।”

इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने जीत के लिए 407 का बेहद मुश्किल लक्ष्य रखा था और भारत ने चौथे दिन के दो विकेट पर 98 रन से आगे खेलते हुए मैच ड्रॉ समाप्त होने तक पांच विकेट पर 334 रन बनाए। सिडनी का यह मैच भारतीय टेस्ट इतिहास में हनुमा विहारी और रविचंद्रन अश्विन के जज्बे, साहस और संघर्ष क्षमता के लिए दर्ज हो गया है। दोनों खिलाड़ियों ने चोटिल होने के बावजूद मोर्चा संभाले रखा और टेस्ट ड्रॉ कराकर ही दम लिया।

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