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ताउम्र जवां दिखने की ख्वाहिश रखते हैं तो महंगे सौंदर्य प्रसाधनों पर पैसे लुटाने की जरूरत नहीं। पीठ के बल सोने की आदत डाल लें, झुर्रियों-मुंहासों और दाग-दब्बों की शिकायत आसपास भी नहीं फटकेगी। ब्रिटेन स्थित ‘वेलनेस ग्रुप’ के नींद विशेषज्ञों ने अपने हालिया अध्ययन के आधार पर यह सलाह दी है।

उन्होंने बताया कि पीठ के बल लेटने पर त्वचा में सिकुड़न नहीं आती। इससे कोलाजेन का लचीलापन बना रहता है और झुर्रियां की समस्या नहीं सताती है। यही नहीं, पेट के बल या करवट लेकर सोते समय त्वचा तकिये-चादर से घिसती है। इससे कोशिकाओं को नुकसान पहुंचने से बुढ़ापे के लक्षण जल्द उभरने का खतरा बढ़ जाता है।

शोध दल में शामिल मेडलिन केलफास ने बताया कि पीठ के बल सोना कई अन्य मायनों में भी फायदेमंद है। इससे न सिर्फ सिर, पीठ, गर्दन और कमर में दर्द की शिकायत दूर होती है, बल्कि साइनस के लक्षणों से भी राहत मिलती है। हां, रीढ़ की हड्डी पर ज्यादा भार जरूर पड़ता है। इसलिए घुटनों के नीचे तकिया लगाना अहम है। केलफास ने चेताया कि जिन लोग को रीढ़ संबंधी दिक्कत है, उन्हें इस मुद्रा में ज्यादा देर तक नहीं लेटना चाहिए।

फायदे और भी हैं-
सिर-गर्दन में दर्द की शिकायत नहीं सताएगी
-मुख्य शोधकर्ता मेडलिन केलफास की मानें तो पीठ के बल सोने से गर्दन की मांसपेशियों पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता। उनमें खिंचाव आने का जोखिम भी घट जाता है। इससे सिर में भारीपन की समस्या दूर रहती है। गर्दन और पीठ में दर्द की शिकायत भी नहीं सताती है।

साइनस के लक्षणों से राहत मिलेगी
-केलफास ने बताया कि पीठ के बल लेटने पर साइनस कैविटी पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ेगा। इससे कैविटी में जमा द्रव्य सिर और आंख के आसपास के हिस्से में मौजूद नसों में नहीं बह पाएगा। व्यक्ति को सिरदर्द, आंखों में जलन-खुजली, जुकाम जैसे लक्षण नहीं परेशान करेंगे।

झुककर खड़े होने की शिकायत दूर होगी
-शोधकर्ताओं ने दावा किया कि पीठ के बल सोना झुककर खड़े होने या बैठने की आदत से निजात पाने का बेहद कारगर जरिया है। इससे रीढ़ की हड्डियां एक सीध में रहती हैं और मांसपेशियों में खिंचाव नहीं आता। कमर, कूल्हे, घुटने और पैरों के दर्द से राहत भी मिलती है।

सावधान
-दुनियाभर में सही मुद्रा में नहीं सोते 92 फीसदी से अधिक लोग
-झुर्रियों का खतरा गलत मुद्रा में लेटने से 50 फीसदी बढ़ जाता है
-त्वचा की चमक बनाए रखने के लिए 08 घंटे की नींद लेना जरूरी

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