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ब्रिसबेन में खेली जा रही बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज के चौथे मुकाबले में टीम इंडिया ने निचले क्रम के बल्लेबाजों वॉशिंगटन सुंदर और शार्दुल ठाकुर की विषम परिस्थितियों में शतकीय साझेदारी के दम पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खुद को मुकाबले में बनाए रखा। ऑस्ट्रेलिया के 369 रन के जवाब में टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों की नाकामी के कारण बैकफुट पर खड़ा भारत आखिर में अपनी पहली पारी में 336 रन के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचने में सफल रहा। इस मैच में शार्दुल और वॉशिंगटन ने अपने टेस्ट करियर की पहली फिफ्टी जड़ी। उनके इस प्रदर्शन पर टीम इंडिया के पूर्व धुआंधार बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने उनकी जमकर तारीफ की है।

सहवाग ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ”एक शब्द जिससे इस टीम इंडिया के साहस को सही से बताया जा सके, वह है (दबंग)। काफी साहसिक और बहादुर। अति सुंदर ठाकुर।”

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इस निर्णायक मैच में भारत का स्कोर एक समय छह विकेट पर 186 रन था और वह ऑस्ट्रेलिया से 183 रन पीछे था। टीम इंडिया के लिए यहां से शार्दुल (67) और सुंदर (62) ने जिम्मेदारी संभाली और सातवें विकेट के लिए 123 रनों की साझेदारी की जो वर्तमान सीरीज में दोनों टीम की तरफ से किसी भी विकेट के लिए दूसरी बड़ी भागीदारी है। इसके अलावा इस मैदान पर सातवें विकेट के लिए भारत की तरफ से दोनों खिलाड़ियों ने सबसे बड़ी पार्टनरशिप की।

मैच के तीसरे दिन भारत ने पहले सेशन में 99 और दूसरे सेशन में 92 रन जोड़े और इस बीच दो-दो विकेट भी गंवाए। तीसरे सेशन में पुछल्ले बल्लेबाजों ने आखिर तक संघर्ष जारी रखा। इस सेशन में भी भारत चार विकेट के एवज में 83 रन जोड़ने में सफल रहा। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से जोश हेजलवुड ने 57 रन देकर पांच विकेट लिए। इसके अलावा अन्य तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क और पैट कमिन्स ने दो-दो विकेट हासिल किए। ऑस्ट्रेलिया ने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक अपनी दूसरी पारी बिना में किसी नुकसान के 21 रन बना लिए हैं और इस तरह से उसकी कुल बढ़त 54 रन की हो गई है। स्टंप उखड़ने के समय डेविड वॉर्नर 20 और मार्कस हैरिस एक रन पर खेल रहे थे।

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