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केजीएमयू में 10 विभागों में 11 डॉक्टरों की नियुक्ति होगी। नियुक्ति प्रक्रिया के लिए जारी विज्ञापन में आरक्षित कोटे का लाभ न दिए जाने से डॉक्टरों के एक गुट ने विरोध शुरू कर दिया है। कुछ डॉक्टरों ने आंदोलन की धमकी भी दी है। इससे मरीजों को दिक्कतें हो सकती हैं। शासन ने केजीएमयू, लोहिया संस्थान और पीजीआई में कुल 44 डॉक्टरों की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। हालाँकि भर्ती प्रक्रिया सिर्फ केजीएमयू ने शुरू की है।
केजीएमयू में 10 विभागों में 11 डॉक्टर नियुक्त होंगे। इसमें से नियोनाटोलॉजी विभाग में दो, एंडोक्राइनोलॉजिस्ट, क्रिटिकल केयर मेडिसिन, थोरेसिक सर्जरी, नेफ्रोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, पीडियाट्रिक अंकोलॉजी, मेडिकल ऑंकोलॉजी और पलमोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग, मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में एक-एक डॉक्टर की नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे गए हैं। आवेदन जमा करने की अंतिम तारीख छह जनवरी है। आवेदन के लिए जा रही नियमों में आरक्षण का जिक्र नहीं किया गया है। इस मामले को लेकर केजीएमयू के डॉक्टरों में आक्रोश है। उनका कहना है कि केजीएमयू की नियमावली और शासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि हर स्तर पर होने वाली नियुक्ति में आरक्षण प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। इसके बाद भी केजीएमयू प्रशासन ने इसकी अनदेखी की है।केजीएमयू के मीडिया प्रभारी डॉक्टर सुधीर सिंह का कहना है कि नियुक्ति के लिए आवेदन की प्रक्रिया शासन के निर्देशानुसार जारी की गई है।
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