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गणतंत्र दिवस के मौके पर देश की राजधानी दिल्‍ली में किसानों की ट्रैक्‍टर रैली के दौरान हुई हिंसा पर बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने कल के घटनाक्रम को जहां दुर्भाग्‍यपूर्ण बताया वहीं अखिलेश यादव ने कहा कि इसके लिए भाजपा ही कसूरवार है। 

बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक के बाद एक ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि ‘देश की राजधानी दिल्ली में कल गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की हुई ट्रैक्टर रैली के दौरान जो कुछ भी हुआ, वह कतई भी नहीं होना चाहिए था। यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण तथा केन्द्र की सरकार को भी इसे अति-गंभीरता से ज़रूर लेना चाहिए। साथ ही, बीएसपी की केन्द्र सरकार से पुनः यह अपील है कि वह तीनों कृषि कानूनों को अविलम्ब वापिस लेकर किसानों के लम्बे अरसे से चल रहे आन्दोलन को खत्म करे ताकि आगे फिर से ऐसी कोई अनहोनी घटना कहीं भी न हो सके।’ 

बसपा सु्प्रीमो के ट्वीट के थोड़ी ही देर बाद सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे पर एक ट्वीट के जरिए अपनी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की। उन्‍होंने लिखा-‘भाजपा सरकार ने जिस प्रकार किसानों को निरंतर उपेक्षित, अपमानित व आरोपित किया है, उसने किसानों के रोष को आक्रोश में बदलने में निर्णायक भूमिका निभायी है। अब जो हालात बने हैं, उनके लिए भाजपा ही कसूरवार है। भाजपा अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी मानते हुए कृषि-क़ानून तुरंत रद्द करे।’

गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने किसानों की ट्रैक्‍टर रैली के समर्थन में उत्‍तर प्रदेश के विभिन्‍न जिलों में प्रदर्शन किए थे। सपा शुरू से कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ है और इन्‍हें वापस लेने की मांग कर रही है। अखिलेश यादव ने कल गणतंत्र दिवस के मौके पर अपने पैतृक गांव सैफई में ध्वजारोहण कर ट्रैक्टर तिरंगा रैली में हिस्सा लेते हुए सरकार पर हमला बोला था। अखिलेश यादव ने कहा था कि समाज मे नफरत करने वालों की कोई जगह नहीं होती है। अमेरिका में नफरत फैलाने वाले डोनाल्ड ट्रंप सत्ता से बाहर हो गए। वह दिन दूर नहीं जब भारत में भी नफरत फैलाने वाले सत्ता से दूर हो जाएंगे।

उन्होंने ट्रैक्टर की ट्राली पर खड़े होकर कहा कि अमरीका का चुनाव एक हालिया इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है जहां पर गोरे काले का भेद करके नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही थी। वहां पर हुए चुनावी नतीजों में नफरतियों को सत्ता से बाहर कर दिया गया है। वह दिन दूर नहीं है जब यह सब कुछ हिंदुस्तान में भी दिखाई देगा। चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा भी सत्ता से बाहर दिखाई देगी। 
 



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