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भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सोमवार को एक बार फिर से केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को लेकर हल निकालने को कहा है। टिकैत ने कहा है कि सरकार बातचीत के जरिए से ही इस समस्या का समाधान करे। हम बातचीत करने के लिए तैयार हैं।

राकेश टिकैत ने कहा कि किसान मोर्चा के जो 40 संगठनों की 40 सदस्यों की कमेटी है, उससे सरकार बात करे। मालूम हो कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों की संख्या में किसान नवंबर महीने से आंदोलन कर रहे हैं। किसान इन कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाए जाने के लिए कह रहे हैं। हालांकि सरकार इन कानूनों को कृषि सेक्टर के लिए सुधार बताती रही है।

इससे पहले, बजट सत्र को लेकर शनिवार को हुई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को लेकर बड़ी बातें कहीं थीं। पीएम मोदी ने कहा था कि सरकार किसानों से बातचीत को हमेशा तैयार है। उन्होंने कहा कि किसानों से कृषि मंत्री की ओर से किया गया वादा आज भी कायम है। पीएम ने यहां तक कहा कि किसानों से सरकार सिर्फ एक फोन कॉल दूर है। इसके बाद किसान नेताओं ने इस फैसले का स्वागत किया था और सरकार से बातचीत करने की बात कही थी।

वहीं, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा था कि संयुक्त किसान मोर्चा ने केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में राजनीतिक दलों को नहीं घुसने दिया था लेकिन प्रदर्शन स्थलों पर लोकतंत्र का मजाक बनाए जाने के बाद ही उसने राजनीतिक समर्थन लिया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड से बड़ी संख्या में किसान गाजीपुर सीमा पर जुट रहे हैं। 

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