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वॉट्सऐप (WhatsApp) के नए नियम-कायदे आ रहे हैं। यूजर्स इन्हें लेकर फिक्र में हैं। इस साल 8 फरवरी से ये वजूद में आ जाएंगे। इससे पहले ही, वॉट्सऐप ने अपने 2 अरब से ज्यादा यूजर्स को ‘अल्टीमेटम’ देना शुरू कर दिया है। कहा जा रहा है कि सोशल नेटवर्क के साथ अपना पर्सनल डेटा साझा करने के लिए हामी भरनी होगी या अपना वॉट्सऐप अकाउंट डिलीट करना होगा। यानी, शर्तें न मानने पर आप वॉट्सऐप का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। हालांकि, अब खबर है कि नए कायदे यूरोप और यूके में यूजर्स पर लागू नहीं होंगे। लेकिन, नोटिफिकेशन हर किसी को भेजा गया है।
 

मस्क के ट्वीट के बाद Signal ने पकड़ी रफ्तार
वॉट्सऐप के पॉलिसी अपडेट ने यूजर्स के बीच हलचल मचाई। डेटा और प्राइवेसी को लेकर फिक्रमंद लोग दूसरे विकल्प तलाशने लगे। तभी, दुनिया के सबसे ज्यादा दौलतमंद बने टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के एक ट्वीट में लोगों को ‘सहारा’ नजर आया। 50 साल के मस्क ने ट्वीट करके अपने फॉलोअर्स से Signal यूज करने को कहा। Signal अचानक से सुर्खियों में आ गया। पिछले एक हफ्ते में लाखों नए यूजर्स Signal से जुड़े। साथ ही, बड़ी संख्या में लोगों ने मेसेजिंग ऐप Telegram डाउनलोड किया।         

स्नोडेन भी कर चुके हैं Signal को एंडोर्स
व्हिस्लब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन भी Signal की तारीफ कर चुके हैं। उन्होंने दावा किया है कि वह इसका हर दिन इस्तेमाल करते हैं। सिग्नल की वेबसाइट में भी कहा गया है कि वह सभी कन्वर्सेशन को सुरक्षित रखने के लिए एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन का इस्तेमाल करता है। कहा गया है, ‘हम न तो आपके मेसेज पढ़ सकते हैं और न ही आपकी कॉल्स सुन सकते हैं। कोई दूसरा भी ऐसा नहीं कर सकता है।’ हालांकि, इजरायल की सिक्योरिटी फर्म Cellebrite ने Signal की हाइली सिक्योर चैट डीक्रिप्ट करने का दावा किया है। अब सवाल उठता है कि इतने दावों के बीच वॉट्सऐप, सिग्नल और टेलिग्राम में कौन ज्यादा सेफ है। हमने ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश की है तो आइए जानते हैं कि कौन सा ऐप यूजर्स को ज्यादा प्राइवेसी देता है। साथ ही, उनका डेटा सेफ रखता है।  
 

 

किसका एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन ज्यादा सुरक्षित
वॉट्सऐप (WhatsApp) के हर कम्युनिकेशन मोड पर एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन मिलता है। वॉट्सऐप पर शेयर किए जाने वाले आपके मेसेज, विडियो कॉल्स, वॉइस कॉल्स, फोटो और दूसरी चीजें एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड होती हैं। मतलब यह है कि आप और रिसीपिएंट (मेसेज पाने वाला), इकलौते व्यक्ति होते हैं जो कि भेजे गए मेसेज को पढ़ सकते हैं। WhatsApp आपके मेसेज, कॉल्स, फोटो और दूसरी चीजों के कंटेंट को डीक्रिप्ट नहीं कर सकता है, जिससे आपके कंटेंट की सिक्योरिटी और प्राइवेसी सुनिश्चित होती है।    

…तो इसलिए होती है वॉट्सऐप के सिक्योरिटी मॉडल की आलोचना
खास बात यह है कि WhatsApp, ओपन ह्विस्पर सिस्टम्स के डिवेलप किए गए एंड-टू-एंड प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करता है। वॉट्सऐप पर आपके हर कम्युनिकेशन में एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन कंपनी बैकअप्स (क्लाउड और लोकल) को एनक्रिप्ट नहीं करती है। इसके अलावा, वॉट्सऐप मेटाडेटा (metadata) को भी एनक्रिप्ट नहीं करता है। यह वॉट्सऐप के सिक्योरिटी मॉडल की आलोचना की मुख्य वजह में से एक है। मेटाडेटा किसी को आपके मेसेज पढ़ने की इजाजत नहीं देता है। लेकिन, इसकी मदद से अथॉरिटीज यह पता कर लेती हैं कि आपने किसको और कब मेसेज किया। 

वॉट्सऐप में ऐंड्रॉयड और iOS दोनों ही ऐप्स में बिल्ट-इन ऐप लॉक फीचर दिया गया है। ऐसे में आप अपने वॉट्सऐप चैट्स को बायोमीट्रिक से लॉक कर सकते हैं। इसके अलावा, आपको टू-फैक्टर ऑथेन्टिकेशन (2FA) भी मिलता है।
 


 

टेलिग्राम में मिलता है सीक्रेट चैट्स फीचर
Telegram एक क्लाउड चैट सर्विस है। इसका मतलब है कि वॉट्सऐप से अलग इसे आप कई डिवाइसेज में इस्तेमाल कर सकते हैं और आपकी चैट्स हमेशा सिंक्ड होती है। Telegram ऐप क्लाइंट-टू-सर्वर एनक्रिप्शन का इस्तेमाल करता है। आपकी रेगुलर चैट्स एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड नहीं होती हैं। Telegram के सर्वर्स तक पहुंच रखने वाला कोई भी व्यक्ति आपकी चैट्स पढ़ सकता है। हालांकि, कोई आपकी चैट्स न पढ़े, इसे सुनिश्चित करने का इकलौता तरीका है कि आप टेलिग्राम के ‘सीक्रेट चैट फीचर’ का इस्तेमाल करें। इस फीचर में एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन मिलता है। आप सीक्रेट चैट में जो भी भेजते हैं, वह प्रोटेक्टेड होता है। 

सिक्योरिटी रिसर्चर्स वैरिफाई नहीं कर सकते टेलिग्राम का सिस्टम
अगर आप सीक्रेट चैट फीचर का इस्तेमाल करते हैं तो Telegram आपके मेसेज एनक्रिप्ट करने के लिए खुद के एनक्रिप्शन प्रोटोकॉल MTProto का इस्तेमाल करता है। हालांकि, यह क्लोज्ड-सोर्स प्रोटोकॉल है। सिक्योरिटी रिसर्चर्स इसे वैरिफाई नहीं कर सकते  हैं। Telegram का कहना है कि वह अपने मेसेज स्टोरेज और डिस्क्रिप्शन कीज (Keys) को इस तरह मैनेज करता है कि किसी भी व्यक्ति को आपके डेटा तक पहुंचने के लिए कई लीगल सिस्टम्स से कोर्ट ऑर्डर्स की जरूरत पड़ेगी। कंपनी का कहना है कि उसने अभी तक थर्ड पार्टीज और गवर्नमेंट्स के साथ जीरो (0) बाइट्स डेटा शेयर किया है। 

एडमिन बनने पर बॉट पढ़ लेता है आपके मेसेज
टेलिग्राम (Telegram) का एक बेहद खास फीचर यह है कि इसमें लोगों को ऐड करने के लिए आप अपना फोन नंबर देने से बच सकते हैं, इस काम के लिए केवल अपने यूजरनेम का इस्तेमाल कर सकते हैं। कंपनी अपने प्लैटफॉर्म पर आपसे इंटरैक्ट करने के लिए बॉट्स को इजाजत देती है। इसमें बाय डिफॉल्ट प्राइवेसी मोड को इनेबल कर दिया जाता है, जिससे वो आपकी चैट न पढ़ सकें। लेकिन, अगर किसी बॉट को ग्रुप के एडमिन के तौर पर ऐड किया जाता है तो यह आपके मेसेज पढ़ लेगा। 

वॉट्सऐप की तरह Telegram भी बिल्ट-इन ऐप लॉक का इस्तेमाल करता है। लेकिन, ऐप का एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन बहुत दमदार नहीं है। टेलिग्राम ग्रुप्स एनक्रिप्टेड नहीं होते हैं, क्योंकि सीक्रेट चैट्स केवल सिंगल-यूजर कम्युनिकेशन को सपोर्ट करते हैं।


 

सिक्योरिटी की रेस में कहीं आगे है Signal
जब सिक्योरिटी की बात आती है तो Signal कहीं आगे है। एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन के लिए Signal ओपन-सोर्स सिग्नल प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करता है। जहां वॉट्सऐप यूजर्स के मेसेज और कॉल्स को एनक्रिप्ट करता है। वहीं, Signal एक कदम आगे जाकर metadata को भी एनक्रिप्ट करता है। हर मोर्चे पर यूजर्स की प्राइवेसी को प्रोटेक्ट करने के लिए Signal ने सेंडर और रिसीपिएंट (मेसेज पाने वाले व्यक्ति) के बीच बातचीत के लिए एक नया तरीका निकाला है, इसका नाम Sealed Sender है। सील्ड सेंडर में कोई भी यह नहीं जान पाएगा कि कौन-किसे मेसेज कर रहा है। खुद Signal को भी इसका पता नहीं होगा।   

केवल रजिस्ट्रेशन के लिए यूज होता है आपका फोन नंबर
ऐप, सभी फीचर्स के लिए एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन को सपोर्ट करता है। मतलब है कि कोई आपकी चैट्स नहीं पढ़ सकता है और न ही आपकी कॉल्स सुन सकता है। सिग्नल की प्राइवेसी पॉलिसी बताती है यह केवल रजिस्ट्रेशन के लिए आपने फोन नंबर का इस्तेमाल करता है। और इसके बाद इसे आपके अकाउंट के बारे में कुछ पता नहीं होता है। कॉन्टैक्ट डिस्कवरी के लिए ऐप ट्रंगकेटेड क्रिप्टोग्रैफिकली हैश्ड फोन नंबर भेजता है। कॉन्टैक्ट्स के नाम या किसी दूसरी इंफॉर्मेशन को न तो ट्रांसमिट किया जाता है और न ही ऐप के सर्वर पर रखा जाता है। 

ओपन-सोर्स सिग्नल प्रोटोकॉल का इस्तेमाल 
Signal एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन के लिए ओपन-सोर्स सिग्नल प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करता है। सिग्नल, सभी लोकल फाइल्स को 4 डिजिट पासफ्रेज से एनक्रिप्ट करता है। सिग्नल, ओपन व्हिस्पर सिस्टम (Open Whisper System) का इस्तेमाल करता है। यह आपकी सारे कंवर्सेशन को खुद-ब-खुद एंड-टू-एंड एनक्रिप्ट कर देता है। एनक्रिप्शन की, यूजर के फोन और कंप्यूटर्स पर ही स्टोर होते हैं, जिससे आप निगरानी रखने का रिस्क कम हो जाता है। इसके अलावा, अगर आपके कॉन्टैक्ट्स की एनक्रिप्शन की में बदलाव होता है तो आपको नोटिफाई किया जाएगा। 

यूजर्स, एक-दूसरे को पासकोड के नंबर्स या QR कोड स्कैन करते हुए वैरिफाई कर सकते हैं। इसका मतलब है कि सिग्नल के पास आपका कोई डेटा नहीं होता है। सिग्नल ऐप मेटाडेटा, लॉग्स या अपने  यूजर्स की इंफॉर्मेशन को स्टोर नहीं करता है। Signal को आप पासकोड या बायोमीट्रिक्स से लॉक कर सकते हैं। इसके अलावा, सिग्नल में टू-फैक्टर अथॉन्टिकेशन, ऐप में स्क्रीनशॉट्स ब्लॉक करने का ऑप्शन दिया गया है। हाल में Signal ने इमेज भेजने से पहले ऑटोमैटिकली फेस ब्लर करने का नया फीचर दिया गया है।
 

आपका कौन-कौन सा डेटा करते हैं कलेक्ट
अगर यूजर डेटा कलेक्शन की बात करें तो WhatsApp आपकी डिवाइस ID, ऐडवर्टाइजिंग डेटा, परचेज हिस्ट्री, लोकेशन, फोन नंबर, ई-मेल, कॉन्टैक्ट्स, पेमेंट इंफो समेत कई डेटा कलेक्ट करता है। वहीं, टेलिग्राम आपका फोन नंबर, कॉन्टैक्ट इंफो और यूजर ID कलेक्ट करता है। जबकि Signal फोन नंबर के अलावा आपका कोई पर्सनल डेटा कलेक्ट नहीं करता है।   

सिग्नल के डाउनलोड्स में 4200% का उछाल
वॉट्सऐप (WhatsApp) के पॉलिसी अपडेट से मचे बवाल के बाद सिग्नल (Signal) और टेलिग्राम (Telegram) को बड़ा फायदा हुआ है। ऐप एनालिटिक्स फर्म सेंसर टावर के डेटा के मुताबिक, ‘6 से 10 जनवरी के बीच दुनिया भर में ऐप स्टोर और गूगल प्लेस्टोर में Signal के 75 लाख के करीब डाउनलोड्स रहे हैं। इससे पिछले हफ्ते के मुकाबले सिग्नल ऐप के डाउनलोड्स में 4,200 फीसदी का उछाल आया है।’

500 मिलियन के पार हुए टेलिग्राम के सब्सक्राइबर्स
वहीं, 6 से 10 जनवरी के बीच टेलिग्राम (Telegram) के साथ 90 लाख नए यूजर्स जुड़े हैं। इससे पिछले हफ्ते के मुकाबले 91 फीसदी की तेजी आई है। यह गूगल और ऐपल के ऐप स्टोर्स में अब दूसरे नंबर पर है। Telegram के सब्सक्राइबर्स की संख्या 500 मिलियन (50 करोड़) को पार कर गई है। पिछले कुछ दिनों में मेसेजिंग ऐप के साथ 25 मिलियन नए ग्राहक जुड़े हैं। सिग्नल और टेलिग्राम दोनों ही ऐप्स के डाउनलोड्स के लिए भारत बड़ा सोर्स रहा है।



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