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विधानसभा चुनाव में लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद कई प्रत्याशी पांच हजार वोट भी नहीं पा सके। सपा को छोड़ दें तो कांग्रेस, बसपा और आप के उम्मीदवारों को लाखों रुपए फूंकने के बावजूद न के बराबर मत मिल पाए। इससे कांग्रेस के आर्यनगर से प्रत्याशी प्रमोद जायसवाल का नाम आता है। कानपुर में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा पैसा 2171560 रुपए खर्च करने के बावजूद इन्हें सिर्फ 3309 वोट ही मिल सके। इनके एक वोट पर 665 रुपए खर्च का आकलन है।

विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी ने जितनी भी रकम खर्च की, उसके कागज जमा करने की समय सीमा अप्रैल के पहले हफ्ते में है। इसलिए ज्यादातर ने फाइनल खर्च अभी तक जमा नहीं किया है। फिर भी मतदान तक दाखिल खर्च को देखें तो वोटों के मुकाबले प्रत्याशियों के खासे पैसे खर्च हो गए हैं। लाखों रुपए खर्च के बावजूद कई प्रत्याशी अपनी जमानत तक नहीं बचा सके। कई तो एक हजार वोट भी नहीं पाए। 18 फरवरी तक खर्च का ब्योरा दाखिल किया है। अंतिम ब्योरा चार अप्रैल तक दाखिल करना है।

सोशल मीडिया से भी प्रचार-प्रसार

यूपी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों ने खूब प्रचार-प्रसार किया था। कोरोना काल के चलते सोशल मीडिया के जरिए अपनी पार्टी के एजेंडे को जनता के बीच रखा। वहीं, कोरोना केसों में गिरावट आई तो आयोग से रियायत मिलने पर जनसंपर्क भी किया गया।

मुख्य कोषाधिकारी यशवंत सिंह ने कहा कि प्रत्याशियों को चुनाव खर्च का अंतिम ब्योरा 4 अप्रैल तक दाखिल करना है। अभी सभी ने 18 फरवरी तक का खर्च दाखिल कर दिया है। परिणाम घोषित होने के 25 दिन के अंदर सभी को खर्च रजिस्टर जमा करना है। आय व्यय प्रेक्षक रजिस्टर चेक करेंगे।

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