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उत्तर प्रदेश में होने जा रहे त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार हर पोलिंग बूथ पर तीन के बजाए दो मतपेटी ही उपलब्ध करवाई जाएंगी। चुनाव चिन्ह आवंटन के बाद अगर किसी मतदान स्थल पर भारी संख्या में उम्मीदवार हो जाएंगे तो वहां हर पोलिंग बूथ पर तीन मतपेटी दी जाएंगी। एक मतपेटी में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत, क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य के चारों पदों के मतपत्र डाले जाएंगे। एक मतपेटी भरने के बाद दूसरी मतपेटी इस्तेमाल की जाएगी।

यह निर्णय राज्य निर्वाचन आयोग ने लिया है। इस बाबत सभी जिलाधिकारियों को आयोग के अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा की ओर से पत्र भेजा गया है। इस पत्र के अनुसार इन चारों पदों के लिए एक जिले में एक ही बार में मतदान करवाया जाएगा। प्रत्येक चरण में 18 या 19 जिले होंगे। इस तरह से पूरा पंचायत चुनाव चार चरणों में सम्पन्न करवाया जाएगा।

इस पत्र में आगे कहा गया है कि जिले के सभी विकास खण्डों का चुनाव एक ही चरण में सम्पन्न करवाए जाने के की स्थिति में कुछ जिलों में उपलब्ध कार्मिकों के अलावा अन्य कार्मिकों की जरूरत पड़ेगी, जिनको मण्डल के अन्य जिलों से लेकर जरूरत को पूरा किया जाएगा। कार्मिक और मतपेटियां जिले में ही जरूरत के मुताबिक उपलब्ध हो जाएं इसको ध्यान में रखते हुए आयोग ने निर्णय लिया है कि हर मण्डल में एक चरण में एक जिले का चुनाव करवाया जाएगा। अगर किसी मण्डल में जिलों की संख्या 4 से अधिक है तो किसी एक चरण में दो जिलों में एक साथ मतदान सम्पन्न करवाया जाएगा।

पोलिंग पार्टी  में पीठासीन अधिकारी के अलावा तीन मतदान अधिकारी होंगे। पोलिंग पार्टी का चयन रैण्डमाइजेशन पद्धति से करवाया जाएगा। चूंकि महिला कार्मिकों की संख्या आवश्यकता से कम है। इसलिए साफ्टवेयर में हर पोलिंग पार्टी के लिए एक महिला कार्मिक को रखने की अनिवार्यता नहीं होगी। सभी कार्मिकों का प्रशिक्षण एक ही बार में होगा।

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