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फर्जीवाड़ा ! उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 24178 शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती के नाम पर बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। शातिरों ने फर्जी संस्था बनाकर शिक्षित युवाओं को ठगने के लिए शनिवार को विज्ञापन जारी किया। एलनगंज के पते पर जिस संस्था के नाम से फर्जीवाड़े की कोशिश की गई उसका कोई अस्तित्व ही नहीं है। माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने ऐसी किसी संस्था या भर्ती की जानकारी होने से इनकार किया है।

राज्य सरकार से संचालित होने का दावा करते हुए उत्तर प्रदेश स्कूल स्टाफ सलेक्शन बोर्ड (उत्तर प्रदेश स्कूल कर्मचारी चयन आयोग) नाम से जारी विज्ञापन में शिक्षकों के 17486, स्टाफ के 3800 और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के 2892 पदों पर वेबसाइट www.upsssb.org पर 11 सितंबर से 10 अक्तूबर तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। तीनों श्रेणियों के लिए अनिवार्य शैक्षिक योग्यता क्रमश: परास्नातक, स्नातक और इंटरमीडिएट रखी गई है। 

विज्ञापन में जो हेल्पलाइन नंबर दिया गया है वह गलत है। हालांकि शातिरों ने शनिवार और रविवार को संपर्क न करने की बात लिखी है। बेरोजगार युवाओं को ठगने के लिए प्रदेश सरकार के लोगो का इस्तेमाल करते हुए वेबसाइट तैयार की गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी की फोटो भी लगाई है। नियुक्ति दो चरणों में लिखित परीक्षा व साक्षात्कार के जरिए करने की बात लिखी गई है।

चयन बोर्ड की नकल कर बनाई वेबसाइट
फर्जीवाड़ा करने वालों ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की वेबसाइट की नकल करते हुए अपनी वेबसाइट बनाई है। खास बात यह है कि चयन बोर्ड सिर्फ प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती करता है। लेकिन फर्जी वेबसाइट पर डिग्री कॉलेज, आर्ट्स एंड साइंस, इंजीनियरिंग, होटल मैनेजमेंट, मैनेजमेंट, डिस्टेंस एजुकेशन, मेडिकल और बीएड कॉलेज का ब्योरा भी दिया गया है।

तीन संस्थाओं ने वेबसाइट-विज्ञापन को फर्जी बताया
शिक्षकों एवं कर्मचारियों की भर्ती के नाम पर जारी फर्जी विज्ञापन का तीन विभागों ने खंडन किया है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के उपसचिव नवल किशोर ने जारी विज्ञप्ति में लिखा है कि चयन बोर्ड की अधिकारिक वेबसाइट www.upsessb.org से मिलती-जुलती वेबसाइट www.upsssb.org बनाकर शिक्षकों व कॉलेज स्टाफ का विज्ञापन निकाला गया है। इस विज्ञापन से चयन बोर्ड का कोई संबंध नहीं है। इस मामले में एफआईआर दर्ज कराकर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई के लिए संदर्भित कर दिया गया है। अभ्यर्थी चयन बोर्ड की अधिकारिक वेबसाइट पर अध्यापकों के चयन के संबंध में निकाली गई सूचना को ही अधिकृत मानें। वहीं अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ. महेन्द्र देव और बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने सार्वजनिक सूचना में कहा है कि उत्तर प्रदेश स्कूल स्टाफ सेलेक्शन बोर्ड नाम का कोई विभाग, कार्यालय या बोर्ड संचालित नहीं है। इस फर्जी बोर्ड का विज्ञापन पूरी तरह मिथ्या और भ्रामक है।

सोशल मीडिया पर सुबह से हो गया वायरल
एक समाचार पत्र में फर्जी भर्ती का विज्ञापन जारी होने के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। व्हाट्सएप और फेसबुक पर लोग इसकी फोटो और वेबसाइट का स्क्रीन शॉट लगाकर पूछताछ करते दिखे। प्रतियोगी मोर्चा के अध्यक्ष विक्की खान ने भी अपने फेसबुक पर युवाओं को सतर्क किया। साफ लिखा कि यह विज्ञापन पूरी तरह से फर्जी है और किसी बहकावे में आप ना आएं।
 

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