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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है प्रदेश के सरकारी विभागों में भर्ती परीक्षाओं को त्वरित, वादरहित एवं पारदर्शी बनाने की दिशा में राज्य सरकार मजबूत इच्छाशक्ति एवं संकल्प के साथ काम कर रही है और गत तीन साल से भी कम समय में करीब 97 हजार पदों पर नियुक्तियां दी गई हैं। गहलोत मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कांन्फ्रेंस के जरिए राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के नवीन भवन के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इसके लिए जहां आवश्यक हुआ नियमों में संशोधन और उनका सरलीकरण किया गया। न्यायिक अड़चनों को दूर किया गया। हमारा पुरजोर प्रयास है कि भर्तियां समय पर पूर्ण हों, विधिक या अन्य किसी प्रकार की बाधाओं के कारण वे अटकें नहीं और सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति के लिए इंतजार नहीं करना पड़े।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोग की आंतरिक कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए तैयार किए गए संशोधित मैनुअल के पहले एवं दूसरे खंड का विमोचन किया। उन्होंने अभ्यर्थियों की समस्याओं के प्रभावी निराकरण के लिए आरपीएससी वेबपोर्टल के मॉड्यूल को भी लॉन्च किया।

नवाचार अपनाएं आरपीएससी और आएसएमएसएसबी
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में भर्ती एजेंसिंयों के लिए परीक्षाओं की विश्वसनीयता बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। ऐसे में आरपीएससी तथा राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड जैसी संस्थाएं परीक्षाओं के आयोजन में निरन्तर नवाचारों को अपनाएं। उन्होंने कहा कि भर्तियों के अटकने से अभ्यर्थियों में असंतोष एवं निराशा के भाव उत्पन्न होते हैं। हमारी सरकार यह सुनश्चिति करने का प्रयास कर रही है कि भर्तियों में किसी प्रकार के विवाद की नौबत ही न आए। 

रिक्त पदों की अभ्यर्थना को तय समय पर भिजवाएं विभाग
गहलोत ने कहा कि आरपीएससी में रिक्त पदों को भरने तथा अन्य आवश्यक संसाधनों को उपलब्ध कराने में सरकार कोई कमी नहीं रखेगी। उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में नियमित पदोन्नति (डीपीसी) प्रक्रिया को शीघ्र संपादित करने के लिए शासन सचिवालय परिसर में आरपीएससी की एक विंग स्थापित करने की दिशा में जल्द उचित नर्णिय किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभाग रिक्त पदों की अभ्यर्थना को तय समय पर आयोग के समक्ष भिजवाना सुनश्चिति करें, ताकि कैलेण्डर के अनुरूप भर्तियों का समयबद्ध आयोजन किया जा सके।

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इस मौके मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि राजस्थान लोक सेवा आयोग ने पारदर्शिता एवं गुणवत्ता के साथ परीक्षाओं के आयोजन के मामले में देश के अन्य राज्य लोक सेवा आयोगों के बीच अपनी एक अलग पहचान को हमेशा बनाए रखा है। उन्होंने कहा कि साक्षात्कारों में अभ्यर्थियों की बुद्धि-लब्धि का वास्तविक मूल्यांकन एक कठिन कार्य है, जिस पर भर्ती एजेन्सियों को और अधिक व्यवहारिक दृष्टिकोण से काम करने की जरूरत है।
 
आयोग के अध्यक्ष डॉ. भूपेन्द्र सिंह ने भर्ती परीक्षाओं को त्वरित एवं विश्वसनीय बनाने के लिए आयोग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए बताया कि 3 करोड़ 73 लाख रुपए की लागत से इंटरव्यू एवं गोपनीय कार्य के लिए नए भवन का निर्माण किया जा रहा है। इसका निर्माण दिसम्बर 2022 तक पूरा होने का लक्ष्य है। 

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