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भारत एलएसी पर तनाव कम होने की स्थिति में भी चीन सीमा और ट्राई जंक्शन पर निगरानी के चौकस व पुख्ता सुरक्षा इंतजाम की तैयारी कर रहा है। भूटान व नेपाल सीमा के ट्राई जंक्शन पर मौजूद एसएसबी और चीन सीमा पर ज्यादातर इलाकों में मौजूद आईटीबीपी ने निगरानी मजबूत करने के लिहाज से अपना एक्शन प्लान तैयार किया है। इस पर अमल भी शुरू हो गया है।

भारत निगरानी के लिए तैनात जवानों के अलावा इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस पर काफी फोकस कर रहा है। चीन, नेपाल, भूटान बॉर्डर पर इस तरह की चौकसी समान रूप से होगी। जिससे सीमाओं के त्रिकोण पर भी पैनी नजर रखी जा सके। उत्तराखंड के लिपुलेख, नीति दर्रा, मंगसा धुरा, टी सांग चोकला, मुलिंगला, माणा पास, तुंजुन ला और अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला, दिहंग, लोंगजू, यंग याप, कुंजवंग,तुन्गधारा, जेचाप ला, दिफू ला हिमाचल प्रदेश के बरालाचा, देबसा पास, शिपकी ला, सिक्किम के नाथुला, नाकुला, जेलेप ला और लद्दाख में काराकोरम पास तक सभी जगहों पर आईटीबीपी की तरफ से कॉम्प्रिहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम लगाया गया है। इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस सिस्टम में कई अलग तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट लगाए जा रहे हैं, ताकि सीमा पर बारीकी से नजर रखी जा सके।

72 पोस्ट ऐसी, जिनकी ऊंचाई 12 हजार से 18 हजार फीट
नाइट विजन डिवाइस, ड्रोन, लॉरस राडार सिस्टम, थर्मल इमेजर, लांग रेंज, पीटीजेड कैमरा आदि के अलावा सैटेलाइट से नजर रखी जा रही है। भारत-चीन सीमा पर कुल 72 ऐसी पोस्ट हैं, जिनकी ऊंचाई 12 हजार से 18 हजार फीट है। यहां भी सेना के साथ समन्वय से सभी तरह के इंतजाम आईटीबीपी द्वारा किए गए हैं। उत्तराखंड, अरुणाचल, हिमाचल, लद्दाख और सिक्किम सीमा पर आईटीबीपी की निगरानी काफी चौकस है। उत्तराखंड के कालापानी क्षेत्र में निगरानी पुख्ता है। ये ट्राई जंक्शन का इलाका है। यहां भारत-चीन-नेपाल तीनों देशों की सीमाएं मिलती हैं। सूत्रों ने कहा कि जहां एसएसबी तैनात है और जिन इलाकों में आईटीबीपी है, दोनों के बीच भी समन्वय बढ़ाया जा रहा है।

चीन पर गरजे थे सेना प्रमुख नरवणे
वहीं, सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने ड्रैगन को सख्त संदेश देते हुए शुक्रवार को कहा था कि हम बातचीत और राजनीतिक उपायों के जरिए समस्या का समाधान करने को प्रतिबद्ध हैं और किसी को हमारे संयम की परीक्षा लेने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। नरवणे ने कहा था कि भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पास यथास्थिति को एकतरफा बदलने की चीनी कोशिशों का मुंहतोड़ जवाब दिया है। मैं भारत के लोगों को यह आश्वासन देना चाहता हूं कि गलवान घाटी में हमारे सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। सेना प्रमुख का कहना था कि लद्दाख सेक्टर में आगे के क्षेत्रों में तैनात सैनिकों का मनोबल उन पहाड़ों से भी अधिक ऊंचा है, जिनकी वे रक्षा कर रहे हैं।

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