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UPSC, PCS, UPSSSC and NEET, JEE  फ्री कोचिंग : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना पर आखिरकार प्रयागराज मंडल के अफसरों ने बड़ी कार्ययोजना तैयार कर ली है। शुक्रवार को आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने जब ‘जिस जिले से आया विचार वहीं अभ्युदय का बुरा हाल’ शीर्षक से खबर प्रकाशित होने के बाद अफसरों ने पूरी कार्ययोजना जारी कर दी है। एक हजार बच्चों का चयन होने के बाद यह तय हो गया है कि जीआईसी के बड़े हॉल में सोमवार से दो पालियों में सिविल सेवा की कोचिंग दी जाएगी। वहीं जीजीआईसी में जेईई-नीट के बच्चों को पढ़ाया जाएगा। प्रशासन ने 80 शिक्षक सरकारी डिग्री कॉलेजों के चयनित कर उनका नाम जारी कर दिया है। वहीं 13 शिक्षक राजकीय विद्यालय के हैं। साथ ही अधिकारियों के नाम भी जारी किए गए हैं।

मंडलायुक्त आर रमेश कुमार ने शुक्रवार को मंडल स्तरीय कार्यक्रम में लगे सभी अफसरों को तत्काल अपने दफ्तर बुलाया और निर्देश दिया कि यह प्राथमिकता वाली योजना है। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त से बाहर है। उन्होंने मौके से ही अधिकारियों से सभी जगह फोन कर तत्काल फाइल तैयार करने के लिए कहा। इसका परिणाम यह रहा कि आखिरकार गरीब प्रतियोगियों के लिए एक बेहतरीन फेकेल्टी का चयन हो गया। योजना के तहत जिन शिक्षकों का चयन किया गया है वे सब प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों से आए हैं। समाज कल्याण अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि जीआईसी के बड़े हॉल में 500 लोगों के बैठने का प्रबंध है। सर्वाधिक सिविल के लिए आवेदन आए हैं। यहां पर दो बैच चलाए जाएंगे। जो सोमवार से शुरू हो जाएंगे। वहीं जीजीआईसी में पूर्व की भांति जेईई व नीट की तैयारी कराई जाएगी।

ये अधिकारी फिलहाल लेंगे क्लास
डीपीओ प्रयागराज पंकज कुमार मिश्रा, समाज कल्याण अधिकारी प्रयागराज प्रवीण कुमार सिंह, एडीसीओ सीएल त्रिपाठी, जिला लेखा परीक्षा अधिकारी एसके ओझा, प्रतापगढ़ के बीडीओ एएन उपाध्याय, अपर जिला सांख्यिकी अधिकारी विवेक मिश्र, वित्त एवं लेखाधिकारी संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा प्रयागराज मंडल मधुलिका सिंह। मंडलायुक्त आर रमेश कुमार ने सभी शिक्षकों व अफसरों के नाम की फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

इनसे सीखें
प्रयागराज मंडल के वित्त एवं लेखाधिकारी संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा मधुलिका सिंह ने नि:शुल्क कोचिंग पढ़ाने का प्रस्ताव स्वीकार किया है। हालांकि इस काम के लिए शासन ने एक हजार रुपये का मानदेय देने की बात कही है। लेकिन मधुलिका सिंह ने गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए नि:शुल्क शिक्षण की बात पर सहमति जताई है।

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