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Saudi Arabia News: दुनिया में कुछ ही देश ऐसे होंगे, जिन्होंने सऊदी अरब की तरह कुछ ही सालों में अपनी रीति और नीति में बड़ा बदलाव किया होगा। चंद सालों में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने देश के सांस्कृतिक मूल्यों से लेकर अर्थव्यवस्था तक में बड़ी तब्दीली की है। अब वह राष्ट्रवाद को भी नए ढंग से परिभाषित करने में जुटे हैं। इस्लाम से ज्यादा इन दिनों वह सऊदी राष्ट्रवाद, इतिहास और शाही परिवार को दुनिया के सामने नए ढंग से पेश करने की कोशिश में हैं। बीते सप्ताह ही सऊदी अरब ने एक अलग ही होलिडे मनाया था। यह छुट्टी थी, सऊदी अरब के स्थापना दिवस की। एक राष्ट्र के तौर पर सऊदी अरब की स्थापना 1727 में मानी जाती है।

अल-सऊद परिवार ने दरियाह अमीरात पर 1727 में कब्जा किया था। इसके बाद साम्राज्य का गठन किया गया था और उसके तहत आने वाले हिस्से को सऊदी अरब के तौर पर पहचान मिली। इसके अलावा इस्लामिक धर्मगुरु मुहम्मद इब्न अब्दुल वहाब की शिक्षाओं का भी यहां असर दिखता है। उसके चलते ही यहां से इस्लाम की वहाबी शाखा का उदय हुआ। दुनिया भर में इस्लाम की लीडरशिप करने की वजह भी यही मानी जाती है कि सऊदी अरब में ही मक्का और मदीना हैं। इसके अलावा वहाबी मत की शुरुआत भी यहीं से हुई थी। हालांकि अब यह देश क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और उनके पिता किंग सलमान की लीडरशिप में बदलता जा रहा है।

कट्टर इस्लाम को छोड़ पकड़ी उदारता की राह

मोहम्मद बिन सलमान को सऊदी अरब में 2017 में क्राउन प्रिंस बनाया गया था। तब से अब तक काफी बदलाव आए हैं। महिलाओं को कई तरह की छूट दी गई हैं। अब वे ड्राइविंग कर सकती हैं, बाहर निकल सकती हैं और मनोरंजन के इवेंट्स में शामिल हो सकती हैं। इसके अलावा इस्लाम के उदय से भी पहले की सऊदी विरासत का भी संरक्षण करने के प्रयास किए गए हैं। इस तरह सऊदी अरब पहले के मुकाबले उदार, बाजार के लिए खुला और नए धंधों के लिहाज से तैयार नजर आता है। सऊदी अरब अब इस्लाम के साथ ही राष्ट्रवाद को भी मजबूत करता दिख रहा है।

राष्ट्रवादी विचार की ओर सऊदी अरब, लोगों को दी छूट

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब अब राष्ट्रवादी विचार की ओर बढ़ रहा है। उसकी मंशा सऊदी फर्स्ट पॉलिसी लागू करना है। अब सऊदी अरब दुनिया भर में इस्लामिक देशों का नेता बनने की बजाय घरेलू स्तर पर खुद को मजबूत करने पर फोकस कर रहा है। सऊदी अरब के नागरिकों को अब शासन के एक आम व्यक्ति की बजाय वेल्थ जनरेटर बनाने पर फोकस है। लेकिन यह काम बिना व्यक्तिगत आजादी, महिलाओं को काम करने की स्वतंत्रता जैसी चीजों को दिए बिना नहीं हो सकता है। यही वजह है कि महिलाओं को ड्राइव और ऑपरेट करने जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। 

गैर-धार्मिक पर्यटन पर भी है सऊदी अरब का फोकस

नए सऊदी अरब के निर्माण की मोहम्मद बिन सलमान की पॉलिसी को इस बात से समझा जा सकता है कि उनका फोकस गैर-तेल आधारित इकॉनमी बनाने पर है। इसके लिए टूरिज्म और एंटरटेनमेंट पर फोकस किया जा रहा है। फिलहाल सऊदी अरब में धार्मिक टूरिज्म का ही स्कोप है, लेकिन अब उसकी कोशिश गैर-धार्मिक पर्यटकों को भी आकर्षित करने पर है। 

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