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पश्चिम बंगाल में बीरभूम हिंसा पर सियासत तेज हो गई है। घटना पर अब AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया है। ओवैसी ने कहा कि बंगाल सरकार हिंसा रोकने में फेल होग गई है। इसके साथ-साथ ओवैसी ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों पर भी निशाना साथा। ओवैसी ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां वोट तो ले लेती लेकिन उनको न शिक्षा और न कलम देती बल्कि उनके हाथों में बम थमा देती है। 

ओवैसी ने कहा, ‘बीरभूम में जो कुछ भी हुआ वह दिखाता है कि सरकार मुसलमानों को अपने पैदल सैनिकों के रूप में इस्तेमाल कर रही है। एक ही राजनीतिक दल के दो समूह हिंसा कर रहे हैं जहां बच्चों सहित कई लोग मारे गए हैं, राज्य सरकार बंगाल में हिंसा को नियंत्रित करने में विफल रही है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘जो वहां (बीरभूम में) हुआ वह बताता है कि राजनीतिक पार्टियां उस राज्य के मुसलमानों के नाम पर वोट लेती है लेकिन उनको न शिक्षा और न कलम देती बल्कि उनके हाथों में बम थमा देती है। जो भी बीरभूम में हुआ उसकी हम कड़ी निंदा करते हैं।’

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के पंचायत अधिकारी की हत्या का संभवत: बदला लेने के लिए मंगलवार को बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में आठ लोगों को जिंदा जला दिया गया। मृतकों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल थे। इस घटना को लेकर देश भर में रोष व्याप्त है और पश्चिम बंगाल में मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रही है।

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में हुई हत्याओं के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) रामपुरहाट-1 के प्रखंड अध्यक्ष अनारुल हुसैन को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इलाके में संभावित अशांति के बारे में स्थानीय लोगों की आशंका पर ध्यान नहीं देने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था।



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